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Sunday, July 9, 2023

ईश्वर GOD

                                    

                                 ज्ञेय   { जानने योग्य }

                        

''जिसे जानने के लिए ग्यारह  आध्यात्मिक प्रश्न 
ये प्रश्न निरंतर अपने अन्तःकरण  में रहने चाहिए और इनका उत्तर उसी से लेना चाहिए ||

1. मै कौन हूँ  ?
2. मैं कहाँ हूँ  ?
3. क्यों आया हूँ ?
4. कहाँ जाऊंगा ?
5. कहाँ जा रहा  हूँ  ?
6. कहाँ जाना है ?
7. क्या कर रहा हूँ ?
8. क्यों कर रहा हूँ  ?
9. क्या करना  चाहिये ?
10. कौन शत्रु है ?
11. कौन मित्र है ?

                                                पंछी "

Wednesday, April 14, 2021

Dr.baba saheb ambedkar ke VICHAAR OR KATHAN


              बाबा साहेब भीमराव अम्बेड्कर के कथन और विचार
































Monday, June 15, 2020

सुख happiness

meghavichar

                                       👉 सुख 👈

                     सुख क्या है ‌‌-- शायद ही ऐसे दो व्यक्ति मिलेंगे , जो इस 

सवाल का एक जैसा जवाब दें ।

                  परंतु सबसे प्रबल सुख की अनुभूति कदाचित लोगों को 

यह जानने से मिलती है कि वह आम आंदोलन में शामिल है , काल के 

प्रवाह के अनुरूप  आगे बढ़ रहे हैं । महान लक्ष्यो की पूर्ति के लिए 

संयुक्त रुप से श्रम में योगदान दे रहे हैं  ।

                 उनके हेतु संघर्ष कर रहे हैं  ।

 जिससे आगे नए लक्ष्य दिखाई 

देंगे। नए क्षितिज खुलते जाएंगे.........

                                                                    यही सुख हैं ।

Saturday, May 30, 2020

हम भारत के भीम सिपाही

                   

                       हम भारत के भीम सिपाही

हम भारत के भीम सिपाही
          अधिकारों से लड़ना होगा ।।
हमको मिलकर चलना होगा
           हम  भारत के भीम सिपाही 
 हमको आगे बढ़ना होगा ॥
                  वो हमको गाली भी देंगे 
   और हमें धमकायेंगे ।
 फिर भी हमको पढ़ना  होगा
        हम भारत के वीर सिपाही
    हमको आगे बढ़ना होगा ॥
वो पाखंड  सिखाएंगे
         हमको बाहर निकलना होगा ।।
तर्क विज्ञान से परख कर हमको
         अपनी राह पे बढ़ना होगा ।।
 हम भारत के भीम सिपाही 
     हमको आगे बढ़ना होगा ॥
     वो बंदूक दिखाएंगे
  नही  डरेंगे तो
                  वो हमको नशा जरुर सिखायेगें ।। 
                  हमें भीम की राह पकड़ कर 
                  उस चंगुल से बचना होगा ।।
                  हम भारत के भीम सिपाही 
              हमको आगे बढ़ना होगा ॥
हम को अच्छा पढ़ना होगा ।।
     तोड़ जाति की बेड़ियां हमको 
बहुजन मानव बनना होगा
     हम भारत के भीम सिपाही
 हमको आगे बढ़ना होगा ॥
                हमको मेहनत करनी होगी ।।
               धर्म  पाखंड छोड़कर हमको
               अच्छा मानव बनना होगा 
      हम भारत के भीम सिपाही 
           हमको भारत बनाना होगा ॥
                                  
                                                                       महावीर 'पंछी'

Thursday, May 23, 2019

The Great Emperor Ashoka

                                                 

                               सम्राट अशोक महान् 


                 बहुधा बहुत से लोग यह समझते हैं कि प्राचीन हिंदुओ में केवल अमुर्त कल्पना की  ही प्रतिभा थी । जिसका  प्रमाण यह हैं कि उन्होने दर्शन व धर्म के अनेकानेक सिद्धांतो का सर्जन किया । इनके साथ व्यावहारिक  निपुणता  व सामर्थ्य में उनकी हिनता सर्व विदित हैं फलत प्राचीन भारत में भौतिक व वैज्ञानिक अध्यवसायो की आलोचना करके जीवन के आध्यामिक  व्यवसायो को  असंगत रूप से नवजीवन दिया ।
             अशोक का राज्य और वास्तव में , भारत का समस्त इतिहास इस मान्यता का खण्डन करता हैं । अशोक के शासनकाल में भारत इस भौतिक प्रगति और एक अर्थ में नेतृत्व प्रगति के भी एक बहुत ऊंचे स्तर पर पहुंच चुका था । उसने आदर्शों के क्षेत्र की भांति ही व्यवहारिक कार्यों के क्षेत्र में भी अपनी महानता प्रदर्शित की थी । उसने अहिंसा , विश्वशांति , मनुष्य और प्रत्येक चेतन प्राणी के बीच परस्पर शांति के सिद्धांत पर अपना साम्राज्य आधारित किया था । फलत: वह सदाचार का साम्राज्य था सत्य पर न की बल पर आधारित साम्राज्य था । और इसी कारण वह अपने युग में से इतना आगे था । कि पशु से मानव तक के कष्ट कर जीवन की नियति तथा सामान्य ऐतिहासिक प्रक्रिया का भार सहन नहीं कर सकता था ।
                     वह  नैतिकता ,आचरण और धर्म का  प्रथम गुरु था । विभिन्न प्रांतों में पाई जाने वाली शिलाओ और घोषणा स्तंभ पर आज भी नीति और नैतिकता के यह सिद्धांत अमिट शब्दों में अंकित पाए जाते हैं । यह शिलालेख एक प्रकार से सम्राट अशोक की आत्मकथा है । उसके स्मरणीय इतिहास के अति महत्वपूर्ण एवं फलदायक प्रभाव है । क्योंकि सबसे अधिक चिरकालीन सामग्री को पत्थर पर अंकित किया गया था । ताकि उन्हे चिरकाल तक कायम रखा जा सके ।
                         सम्राट अशोक अन्य देशों की जनता में लोकहित के कार्य करते थे , जैसे कि मनुष्य व पशुओं के लिए औषधि और चिकित्सा आदि का प्रबंध जिसका उल्लेख शिलालेख 2 में किया गया है ।, जिसके लिए भारतीय सम्राट बड़ी उदारता के साथ मुक्तहस्त होकर धन देता था । सम्राट अशोक ने धर्म और नैतिकता के क्षेत्र के अतिरिक्त राजनीतिक क्षेत्र में भी कुछ बड़े ऊंचे आदर्श पेश किए थे । एक युद्ध की भयंकरता ने ही उसके मन में यह दृढ़ विश्वास जगा  दिया था । कि  युद्ध का सामाजिक व्यापार में कोई स्थान नहीं होना चाहिए । उसने कहा कि बल की विजय से बढ़कर सत्य की विजय है। [शिलालेख - 13 ] उसकी निष्ठा केवल बोद्ध धर्म में ही नहीं थी ,अपितु ब्राह्मण धर्म एवं अन्य संप्रदायों में भी वह गहरी निष्ठा रखता था । उसने न केवल बोद्ध विहारो का निर्माण करवाया । बल्कि ब्राह्मण सन्यासियों एवं अन्य संतो के लिए भी अनेक विहारो का निर्माण करवाया ।
ताकि भारत में सदचार , नैतिकता , मानवीयता एवं दीन -दुखियों के प्रति रक्षा एवं भारतीय सामाजिक ताना-बाना सतत चलता रहे ।
           वह महात्मा बुद्ध को अपना प्रेरक मानता था । लेकिन वह अन्य  संप्रदायों   में भी रुचि रखता था । वह भारत का प्रथम सम्राट था। जिसने युद्ध की बजाए प्रेम , मानवता , दीन -दुखियों की सेवा , प्रकृति की सेवा ,  सभी प्रकार के प्राणियों की सेवा संकल्प का पत्थर की शीलाओ ,  मूर्तियों,  स्तंभो पर अंकित करवाया । ताकि उसकी यह देन संपूर्ण विश्व सदियों -सदियों तक  स्मरण कर सके । 
           आज के परिदृश्य में भारत में महान सम्राट अशोक के संदर्भ में अपेक्षाकृत बहुत ही कम दर्शाया जा रहा है । लेकिन महान सम्राट अशोक के शिलालेख हमें सदैव उसके एवं महात्मा बुद्ध के आदर्शों को प्रदान करते रहेंगे ।
                          नमो: बुद्धाय 
                          जय सम्राट अशोक
                          जय भीम
                          जय सविंधान
                       

Friday, May 17, 2019

Ancient places and temples of South India

  

      Ancient places and temples of South India
                     
                  Hampi and Vijay Nagar











Thursday, May 16, 2019

India's Great Temple and Historical Site

                                 कुरुक्षेत्र 

                           
                               कुरुक्षेत्र

                              ब्रह्मा मंदिर

                                  रामदेवरा
      

             गिरनार पर्वत और ऐतिहासिक स्थान 








ईश्वर GOD

                                                                      ज्ञेय   { जानने योग्य }                          '...

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