💢💢 ज़िंदगी 💢💢
वो थी भली या बुरी किसको ख़बर
कैसी गुजरी ज़िंदगी किसको ख़बर
चल पड़े है हम तो उनकी रह पर
कैसी होगी रहबरी किसको ख़बर
खुश्कआंखों से तुम्हें अब देख लूँ
इनमे कब छाए नमी किसको ख़बर
बेवफा रहना ही फिज्जत थी तेरी
या मुझी मै थी कमी किसको ख़बर
शायरी "पंछी " की है रागनि
वक्त की बेवक्त की किसको ख़बर |
महावीर "पंछी"
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