हर रोज यहाँ दिल टूटते है ,
गम के मारे क्या कम थे ,
पंछी की तरह उड़ आई तुम,
पहले ही नजारे क्या कम थे |
पंछी
इस ब्लॉग का उद्देश्य भारत की एकता , अखंडता, मानवता ,और वीरता की निरंतरता को बनाएँ रखने मे अपने विचारो को , भारतीय जन को समर्पित करना ॥ * विजय भारत * सदा संविधान * जय भीम * जय किसान
ज्ञेय { जानने योग्य } '...
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