मनुज
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अनंत मे सैर कर , तारे तोड़ लाऊँगा |
बादलों को बांध कर ,नदी नई बनाऊँगा ।
सीप मे समुन्द्र ले आऊंगा ।
मनुज हूं , मैं मौत का मुख मोड़ आऊंगा ।।
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इस ब्लॉग का उद्देश्य भारत की एकता , अखंडता, मानवता ,और वीरता की निरंतरता को बनाएँ रखने मे अपने विचारो को , भारतीय जन को समर्पित करना ॥ * विजय भारत * सदा संविधान * जय भीम * जय किसान
ज्ञेय { जानने योग्य } '...